बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यों नही जाता,

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यों नही जाता,

बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यों नही जाता,
जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नही जाता।


Be-naam sa ye dard thahar kyon nahee jaata,
Jo beet gaya hai vo guzar kyon nahee jaata.