बस कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना

बस कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना

बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना
आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना


Bas-ki dushvaar hai har kaam ka aasaan hona
Aadamee ko bhee mayassar nahin insaan hona