फितरत, सोच और हालात में फर्क है

फितरत, सोच और हालात में फर्क है

फितरत, सोच और हालात में फर्क है,

वरना इन्सान कैसा भी
हो दिल का बुरा नहीं होता


Phitarat, soch aur haalaat mein phark hai,

Varana insaan kaisa bhee
Ho dil ka bura nahin hota