फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में

फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में

फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में

फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में,
फर्क होता है किस्मत और लकीर में..
अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना..
कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में।


Phark hota hai khuda aur faqeer mein,
Phark hota hai kismat aur lakeer mein..
Agar kuchh chaaho aur na mile to samajh lena..
Ki kuchh aur achchha likha hai taqadeer mein.