पता नहीं क्या रखा है इस जिन्दगी के अफसाने में

पता नहीं क्या रखा है इस जिन्दगी के अफसाने में

पता नहीं क्या रखा है,इस जिन्दगी के अफसाने में ।
कुछ गुजरी तुम्हें चाहने में और कुछ गुजर जाएगी तुम्हें भुलाने में।।


Pata nahin kya rakha hai,is jindagee ke aphasaane mein .
Kuchh gujaree tumhen chaahane mein aur kuchh gujar jaegee tumhen bhulaane mein..