नफ़रत का ख़ुद कोई वजूद नहीं होता

नफ़रत का ख़ुद कोई वजूद नहीं होता

नफ़रत का ख़ुद कोई वजूद नहीं होता

'नफ़रत' का ख़ुद कोई 'वजूद' नहीं होता...
ये तो 'मोहब्बत' की 'ग़ैर' मौजूदगी का नतीजा है...!!


Nafarat ka khud koee vajood nahin hota...
Ye to mohabbat kee gair maujoodagee ka nateeja hai...!!