नज़रंदाज़ करो तो नासूर हो जाते हैं

नज़रंदाज़ करो तो नासूर हो जाते हैं

नज़रंदाज़ करो तो नासूर हो जाते हैं
हर ज़ख्म का मरहम, वक़्त नहीं होता……


Nazarandaaz karo to naasoor ho jaate hain
Har zakhm ka maraham, vaqt nahin hota……