नाराज़गी तो थक हार कर लौट गईं कब की

नाराज़गी तो थक हार कर लौट गईं कब की

नाराज़गी तो थक हार कर लौट गईं कब की

नाराज़गी तो थक हार कर लौट गईं कब की...
ये जो चलती जा रहीं हैं जिद्दी जिदें है हमारी...!!


Naaraazagee to thak haar kar laut gaeen kab kee...
Ye jo chalatee ja raheen hain jiddee jiden hai hamaaree...!!