नफ़रत करना तो कभी सिखा ही नहीं

नफ़रत करना तो कभी सिखा ही नहीं

नफ़रत करना तो कभी सिखा ही नहीं,,,
हमने दर्द को भी चाहा है अपना समझ कर


Nafarat karana to kabhee sikha hee nahin,,,
Hamane dard ko bhee chaaha hai apana samajh kar