नज़्मों ग़ज़ल सी याद है हर इक बात तुम्हारी

नज़्मों ग़ज़ल सी याद है हर इक बात तुम्हारी

नज़्मों-ग़ज़ल सी याद है हर इक बात तुम्हारी,
मेरी किताब में मेरा लिखा कुछ भी तो नहीं।


Nazmon-gazal see yaad hai har ik baat tumhaaree,
Meree kitaab mein mera likha kuchh bhee to nahin.