नजरों में दोस्तों की जो इतना खराब है,

नजरों में दोस्तों की जो इतना खराब है,

नजरों में दोस्तों की जो इतना खराब है,
उसका कसूर ये है कि वो कामयाब है।


Najron Mein Doston Ki Jo Itna Kharab Hai,
Uska Qasoor Ye Hai Ke Wo Kaamyab Hai.