नई दुनिया में कुछ बीते दिनों के भी निशाँ होंगे

नई दुनिया में कुछ बीते दिनों के भी निशाँ होंगे

नई दुनिया में कुछ बीते दिनों के भी निशाँ होंगे
अजाइबखानों में रखेंगे, दीनों को ईमानों को

(दीन – धर्म, मजहब; ईमान – ईमानदारी, अकीदा)


Nai duniya mein kuchh beete dino ke bhi nishaan honge
Ajaaibkhaanon mein rakhenge, deeno ko imaano ko