दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में सैंकड़ों से

दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में सैंकड़ों से

दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में सैंकड़ों से...
इंसान का बेहतरीन होना ही गुनाह है...!!


Dushmanee ho jaatee hai mupht mein sainkadon se...
Insaan ka behatareen hona hee gunaah hai...!!