दिल्ली की गलियों से भी छोटी तुम्हारी सोच है,

दिल्ली की गलियों से भी छोटी तुम्हारी सोच है,

दिल्ली की गलियों से भी छोटी तुम्हारी सोच है,
तुम मुझे ना समझ पाई इस बात का अफ़सोस है.


Delhi kee galiyon se bhee chhotee tumhaaree soch hai,
Tum mujhe na samajh paee is baat ka afasos hai.