दिल्ली कहाँ गईं तिरे कूचों की रौनक़ें

दिल्ली कहाँ गईं तिरे कूचों की रौनक़ें

दिल्ली कहाँ गईं तिरे कूचों की रौनक़ें
गलियों से सर झुका के गुज़रने लगा हूँ मैं !!

(कूचों = सकड़ी गलियों)


Dilli kahan gai tire koochon ki raunkein
Galiyon se sar jhuka ke gujarne laga hun main