दिल से मर कर भी ना निकलेगी वतन की उल्फ़त

दिल से मर कर भी ना निकलेगी वतन की उल्फ़त

दिल से मर कर भी ना निकलेगी वतन की उल्फ़त

दिल से मर कर भी ना निकलेगी वतन की उल्फ़त,
मेरे मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी.


Dil se mar kar bhee na nikalegee vatan kee ulfat,
Mere mittee se bhee khushaboo-e-vatan aaegee !!