दावर ए हश्र तुझे मेरी इबादत की कसम

दावर ए हश्र तुझे मेरी इबादत की कसम

दावर-ए-हश्र तुझे मेरी इबादत की कसम
ये मेरा नाम-ए-आमाल इज़ाफी होगा
नेकियां गिनने की नौबत ही नहीं आएगी
मैंने जो मां पर लिक्खा है, वही काफी होगा


Daavar-e-hashr tujhe meree ibaadat kee kasam
Ye mera naam-e-aamaal izaaphee hoga
Nekiyaan ginane kee naubat hee nahin aaegee
Mainne jo maan par likkha hai, vahee kaaphee hoga