तू न तो रूह न धड़कन और न साँसों की डोरी है

तू न तो रूह न धड़कन और न साँसों की डोरी है

तू न तो रूह,न धड़कन और न साँसों की डोरी है
फिर भी ज़िंदा रहने के लिए तू ही क्यूँ जरूरी है?


Too na to rooh,na dhadakan aur na saanson kee doree hai
Phir bhee zinda rahane ke lie too hee kyoon jarooree hai?