तरस रहे हैं एक सहर को जाने कितनी सदियों से

तरस रहे हैं एक सहर को जाने कितनी सदियों से

तरस रहे हैं एक सहर को जाने कितनी सदियों से

तरस रहे हैं एक सहर को जाने कितनी सदियों से...
वैसे तो हर रोज़ यहाँ सूरज का निकलना जारी है...!!


Taras rahe hain ek sahar ko jaane kitanee sadiyon se...
Vaise to har roz yahaan sooraj ka nikalana jaaree hai...!!