तमाम रात वो साये करीब रहते हैं साहेब

तमाम रात वो साये करीब रहते हैं साहेब

तमाम रात वो साये करीब रहते हैं साहेब !
मैं जिनसे दिन के उजाले में रूठ जाती हूं !!


Tamaam raat vo saaye kareeb rahate hain saaheb !
Main jinase din ke ujaale mein rooth jaatee hoon !!