तभी रोज शाम संवरती है, उसके लिए

तभी रोज शाम संवरती है, उसके लिए

तभी रोज शाम संवरती है, उसके लिए

ठहर कर कभी, सूरज देखता ही नहीं
तभी रोज शाम संवरती है, उसके लिए.


Thahar kar kabhee, sooraj dekhata hee nahin
Tabhee roj shaam sanvaratee hai, usake lie.