तड़प कर गुज़र जाती है हर रात आखिर

तड़प कर गुज़र जाती है हर रात आखिर

तड़प कर गुज़र जाती है हर रात आखिर
कोई याद ना करे तो क्या सुबह नही होती


Tadap kar guzar jaatee hai har raat aakhir
Koee yaad na kare to kya subah nahee hotee