तंग आ चुके हैं कशमकशे जिन्दगी से हम

तंग आ चुके हैं कशमकशे जिन्दगी से हम

तंग आ चुके हैं कशमकशे-जिन्दगी से हम
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बेदिली से हम !!

(कशमकश- खींचातानी, आपाधापी)


Tang aa chuke hain kashmkash-e-zindagi se hum
Thukra na dein jahan ko kahin bedili se hum