झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया

झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया

झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया

झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया,
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते...!


Jhoothee hansee se jakhm aur badhata gaya,
Isase behatar tha khulakar ro lie hote...!