जिसे खुद से ही नहीं फुरसतें

जिसे खुद से ही नहीं फुरसतें

जिसे खुद से ही नहीं फुरसतें,
जिसे खयाल अपने कमाल का,
उसे क्या खबर मेरे शौक़ की,
उसे क्या पता मेरे हाल का।


Jise Khud Se Hi Nahin Fursatein,
Jise Khayal Apne Kamaal Ka,
Usey Kya Khabar Mere Shauq Ki,
Usey Kya Pata Mere Haal Ka.