जिंदगी की खुशियों में क्यों आग लगाएंगे,

जिंदगी की खुशियों में क्यों आग लगाएंगे,

जिंदगी की खुशियों में क्यों आग लगाएंगे,
वो खूबसूरत बहुत है मगर दिल नहीं लगाएंगे,
क्योंकि मैंने सोचा कि धोखा खाने से अच्छा है
कि दोस्तों के साथ ख़ुशी से मोमोज-चटनी खाएंगे।


Jindagee kee khushiyon mein kyon aag lagaenge,
Vo khoobasoorat bahut hai magar dil nahin lagaenge,
Kyonki mainne socha ki dhokha khaane se achchha hai
Ki doston ke saath khushee se momoj-chatanee khaenge.