ज़रुरतें तो कभी ख़त्म नहीं होती सुकून ढूंढिये

ज़रुरतें तो कभी ख़त्म नहीं होती सुकून ढूंढिये

ज़रुरतें तो कभी ख़त्म नहीं होती..सुकून ढूंढिये
और वो तो फ़क़ीरों के दर पर ही नसीब होता !!


Zaruraten to kabhee khatm nahin hotee..sukoon dhoondhiye
Aur vo to faqeeron ke dar par hee naseeb hota !!