ज़माने भर का ग़म और रोने पर पाबंदी

ज़माने भर का ग़म और रोने पर पाबंदी

ज़माने भर का ग़म और रोने पर पाबंदी,,
ऐ मोहब्बत ! तेरी ज़िद ने मुझे तोड दिया...!!


Zamaane bhar ka gam aur rone par paabandee,,
Ai mohabbat ! teree zid ne mujhe tod diya...!!