जब रात अमावस की अक्सर तौहीन का बोझ उठाती है

जब रात अमावस की अक्सर तौहीन का बोझ उठाती है

जब रात अमावस की अक्सर तौहीन का बोझ उठाती है...
तब जा के यहां कुछ रातों को इक चांद मयस्सर होता है...!!


Jab raat amaavas kee aksar tauheen ka bojh uthaatee hai...
Tab ja ke yahaan kuchh raaton ko ik chaand mayassar hota hai...!!