गुज़रे लम्हों की धूल उड़ती है

गुज़रे लम्हों की धूल उड़ती है

गुज़रे लम्हों की धूल उड़ती है,
इस हवेली में अब रखा क्या है.


Guzare lamhon kee dhool udatee hai,
Is havelee mein ab rakha kya hai.