ग़म्ज़ा नहीं होता कि इशारा नहीं होता

ग़म्ज़ा नहीं होता कि इशारा नहीं होता

ग़म्ज़ा नहीं होता कि इशारा नहीं होता
आँख उन से जो मिलती है तो क्या क्या नहीं होता


Gamza nahin hota ki ishaara nahin hota
Aankh un se jo milatee hai to kya kya nahin hota