ग़म ए हयात ने बख़्शे हैं सारे सन्नाटे

ग़म ए हयात ने बख़्शे हैं सारे सन्नाटे

ग़म-ए-हयात ने बख़्शे हैं सारे सन्नाटे,
कभी हमारे भी पहलू में दिल धड़कता था...।


Gam-e-hayaat ne bakhshe hain saare sannaate,
Kabhee hamaare bhee pahaloo mein dil dhadakata tha....