गज़ल मेरी महकने लग गयी थी रात में कोई

गज़ल मेरी महकने लग गयी थी रात में कोई

गज़ल मेरी महकने लग गयी थी रात में कोई

गज़ल मेरी महकने लग गयी थी रात में कोई..........
यही पहचान वाजिब थी कि तुमने पढ़ लिया इसको


Gazal meree mahakane lag gayee thee raat mein koee..........
Yahee pahachaan vaajib thee ki tumane padh liya isako