क्या जिंदगीभर मुझको यूँही ग़म होंगे

क्या जिंदगीभर मुझको यूँही ग़म होंगे

क्या जिंदगीभर मुझको यूँही ग़म होंगे

क्या जिंदगीभर मुझको यूँही ग़म होंगे
क्या कभी हम, दो जिस्म एक जान संग होंगे


Kya jindageebhar mujhako yoonhee gam honge
Kya kabhee ham, do jism ek jaan sang honge