कुरेद-कुरेद कर बड़े जतन से हमने रखे हैं हरे

कुरेद-कुरेद कर बड़े जतन से हमने रखे हैं हरे

कुरेद-कुरेद कर बड़े जतन से हमने रखे हैं हरे,
कौन चाहता है कि उनका दिया कोई ज़ख्म भरे।


Kured-Kured Kar Bade Jatan Se Humne Rakhe Hain Hare,
Kaun Chahta Hai Ke Unka Diya Koi Zakhm Bhare.