कुरेद-कुरेद कर बड़े जतन से हमने रखे हैं हरे Admin / Jul 31, 2021 कुरेद-कुरेद कर बड़े जतन से हमने रखे हैं हरे कुरेद-कुरेद कर बड़े जतन से हमने रखे हैं हरे, कौन चाहता है कि उनका दिया कोई ज़ख्म भरे। Kured-Kured Kar Bade Jatan Se Humne Rakhe Hain Hare, Kaun Chahta Hai Ke Unka Diya Koi Zakhm Bhare. Shayari Hurt Shayari