कुछ लोग जो ख़ामोश हैं ये सोच रहे हैं

कुछ लोग जो ख़ामोश हैं ये सोच रहे हैं

कुछ लोग जो ख़ामोश हैं ये सोच रहे हैं
सच बोलेंगे जब सच के ज़रा दाम बढ़ेंगे


Kuchh log jo khaamosh hain ye soch rahe hain
Sach bolenge jab sach ke zara daam badhenge