कुछ ऐसी एहतियात से निकला है चाँद फिर

कुछ ऐसी एहतियात से निकला है चाँद फिर

कुछ ऐसी एहतियात से निकला है चाँद फिर

कुछ ऐसी एहतियात से निकला है चाँद फिर...
जैसे अँधेरी रात में खिड़की पे तुम हो आ गये...


Kuchh aisee ehatiyaat se nikala hai chaand phir...
Jaise andheree raat mein khidakee pe tum ho aa gaye...