कुछ इसी तरह से रिश्तों को हम निभाते रहे

कुछ इसी तरह से रिश्तों को हम निभाते रहे

कुछ इसी तरह से रिश्तों को हम निभाते रहे

कुछ इसी तरह से रिश्तों को हम निभाते रहे,
हर बार चोट खा के भी ऐसे ही मुस्कुराते रहे...!


Kuchh isee tarah se rishton ko ham nibhaate rahe,
Har baar chot kha ke bhee aise hee muskuraate rahe...!