कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं,

कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं,

कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो ही संगीन हैं।


Kuch apna andaz hai kuch mausam rangeen hai,
Tariff karu ya chup rahu zurm dono hi sangeen hai