काश तुम समझ पाते मेरे अनकहे अल्फ़ाज़ों को

काश तुम समझ पाते मेरे अनकहे अल्फ़ाज़ों को

काश तुम समझ पाते मेरे अनकहे अल्फ़ाज़ों को,
तो ये एहसास स्याही और काग़ज़ के मोहताज ना होते...!


Kaash tum samajh paate mere anakahe alfaazon ko,
To ye ehasaas syaahee aur kaagaz ke mohataaj na hote...!