एक दर्द था जो सिगरेट की तरह चुपचाप पिया मैंने

एक दर्द था जो सिगरेट की तरह चुपचाप पिया मैंने

एक दर्द था जो सिगरेट की तरह चुपचाप पिया मैंने,
कुछ नज्मे हैं जो राख की तरह झाड़ी हैं मैंने


Ek dard tha jo sigaret kee tarah chupachaap piya mainne,
Kuchh najme hain jo raakh kee tarah jhaadee hain mainne