एक आदत सा बन गया है गणतंत्रता का दिन भी

एक आदत सा बन गया है गणतंत्रता का दिन भी

एक आदत सा बन गया है गणतंत्रता का दिन भी,
कुछ जुमले चलेंगे और फिर कूड़ेदानों में झंडे मिलेंगे


Ek aadat sa ban gaya hai ganatantrata ka din bhee,
Kuchh jumale chalenge aur phir koodedaanon mein jhande milenge