इलाहबाद की गलियों में मैंने अपने जीवन को संवारा है, Admin / Jan 31, 2022 इलाहबाद की गलियों में मैंने अपने जीवन को संवारा है, इलाहबाद की गलियों में मैंने अपने जीवन को संवारा है, बड़े दिन से जमे हो तुम वहाँ, क्या हाल तुम्हारा है. Ilaahabaad kee galiyon mein mainne apane jeevan ko sanvaara hai, Bade din se jame ho tum vahaan, kya haal tumhaara hai. Shayari Allahabad Shayari Apne Shayari Din Shayari Haal Shayari Jeevan Shayari Tum Shayari