इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल

इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल

इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल

इतनी धूल और सीमेंट है शहरों की हवाओं में आजकल.।
कब दिल पत्थर का हो जाता है पता ही नहीं चलता|


Itanee dhool aur seement hai shaharon kee havaon mein aajakal..
Kab dil patthar ka ho jaata hai pata hee nahin chalata|