इक ज़ख्म मुझको चाहिये मेरे मिज़ाज का Admin / Aug 26, 2024 इक ज़ख्म मुझको चाहिये मेरे मिज़ाज का इक ज़ख्म मुझको चाहिये मेरे मिज़ाज का, यानी हरा भी चाहिये गहरा भी चाहिये... Ik zakhm mujhako chaahiye mere mizaaj ka, Yaanee hara bhee chaahiye gahara bhee chaahiye... Shayari 2 Line Shayari Chaah Shayari Zakhm Shayari