आदत नहीं है मुझे सब पे फ़िदा होने की पर तुझ में

आदत नहीं है मुझे सब पे फ़िदा होने की पर तुझ में

आदत नहीं है मुझे सब पे फ़िदा होने की पर तुझ में

आदत नहीं है मुझे सब पे फ़िदा होने की पर तुझ में,
कुछ बात ही ऐसी है की दिल को समझने का मौका ही नहीं मिला।


Aadat nahin hai mujhe sab pe fida hone kee par tujh mein,
Kuchh baat hee aisee hai kee dil ko samajhane ka mauka hee nahin mila.