आता था कभी नाम लबों पर आँखों में चेहरा रहता था

आता था कभी नाम लबों पर आँखों में चेहरा रहता था

आता था कभी नाम लबों पर आँखों में चेहरा रहता था
वो एक ही नाम मुकम्मल था इस जहाँ में आज शिकवे के सिवा कुछ नही


Aata tha kabhee naam labon par aankhon mein chehara rahata tha
Vo ek hee naam mukammal tha is jahaan mein aaj shikave ke siva kuchh nahee