अहंकार में ही इंसान सब कुछ खोता है

अहंकार में ही इंसान सब कुछ खोता है

अहंकार में ही इंसान सब कुछ खोता है,
बेवजह किस्मत को दोष देकर रोता है.


Ahankaar mein hee insaan sab kuchh khota hai,
Bevajah kismat ko dosh dekar rota hai.