अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को हरा करते हैं Rajnish / Jan 31, 2022 अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को हरा करते हैं जिसके आने से मेरे ज़ख्म भरा करते थे। अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को हरा करते हैं।। Jisake aane se mere zakhm bhara karate the. Ab vo mausam mere zakhmo ko hara karate hain.. Shayari Bewafa Shayari Mausam Shayari Zakhm Shayari