अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की

अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की

अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की ‘राना’
माँ की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है


Ab bhee chalatee hai jab aandhee kabhee gam kee ‘raana’
Maan kee mamata mujhe baahon mein chhupa letee hai